ज्योतिष एक विद्या जो किसी चमत्कार से कम नहीं

ज्योतिष एक ऐसी विद्या है जो किसी चमत्कार से कम प्रतीत नहीं होती। ये विद्या है ‘संकेत’ जब भी कोई ज्योतिषी किसी जातक की वास्तविक समस्या का समाधान करने की शुरुआत करने लगता है, तो ईश्वर भी उस ज्योतिषी को मदद के तौर  पर कुछ संकेत देता है, पर ये उस ज्योतिषी की बौद्धिक क्रियाशीलता पर निर्भर करता है कि वह उस संकेत को कितनी अच्छी तरह समझकर उसका विश्लेषण कर जातक की सहायता कर पाता है। तब से कई बार इस विद्या का प्रयोग ज्योतिष फलादेशों के लिए कर रहा हूँ। और अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं मैं ये भी कह सकता हूँ, मैं हर बार इस विश्लेषण में सफल रहा हूँ ऐसी कोई अतिशयोक्ति नहीं करूँगा लेकिन हाँ इतनी बात अवश्य है, कि जब भी कुछ कमी रही है तो वो मेरे विश्लेषण करने में ही रही है और आज ये विद्या भी मेरे लिए ज्योतिष में उतना ही महत्त्व र[ती है, जितना कि अन्य विद्याएं। अपने छोटे से ज्योतिष-विद्यार्थी जीवन में घटित हुए कुछ उदाहरण जिनका उल्लेख मैं आगे करुॅगा, निष्कर्ष संकेत विधि द्वारा इतना सटीक बैठा यदि उस समय मैं अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर भी प्रयत्न करता तो शायद कुंडली से इतना सटीक निष्कर्ष नहीं दे पाता।

मुझे कई वर्षों की ज्योतिष के अध्ययन के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा जिसमें सबसे प्रमुख लोगों को अपने जन्म के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी का ना होना है। प्रश्न कुण्डली को सरल तुरंत फलादेश करने वाला ज्योतिष पद्धति माना जाता है, इसका कारण यह है कि इसमें दशा अन्तर्दशा ज्ञात करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसमें प्रश्नकर्ता जिस समय प्रश्न करता है उस समय ग्रहों के गोचर के अनुसार कुण्डली का निर्माण किया जाता है,

इस कुण्डली में लग्न का निर्धारण अंकों के आधार पर किया जाता है। इस प्रक्रिया में फलादेश में गलतियां होने की संभावना नहीं रहती क्योकि इसमें वर्तमान समय में ग्रहों की स्थिति को आधार मानकर फल कथन किया जाता है।

प्रश्न ज्योतिष में किसी खास प्रश्न का उत्तर ज्ञात करना जन्म कुण्डली पर आधारित ज्योतिषीय विधि से आसान माना गया है, इस विधि में प्रश्न कर्ता को जन्म स्थान, जन्म समय और जन्म तिथि का ब्यौरा नहीं देना पड़ता अतः जिन लोगों के पास जन्म का ब्यौरा नहीं है उनके लिए भी यह पद्धति उपयोगी है, ऐसी भी मान्यता है कि जिन लोगों को अपना जन्म समय ज्ञात नहीं है वे इस विधि से अपना जन्म समय भी ज्ञात कर सकते हैं। तो ऐसा है संकेतों का विज्ञान, पाठक यदि चाहें तो स्वयं भी समस्याएं आने पर ईश्वर की इस मदद का लाभ उठा सकते हैं।

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